आप अपने बच्चे की श्रवण-क्षमता माप सकते हैं।
अच्छे निरीक्षण एवं माप के लिए हमेशा इस बात को निश्चित करिए कि आप आवाज को (ताली या अलार्म घडी) इस प्रकार प्रस्तुत करिए कि बच्चा आवाज सुनकर संवेदना प्रस्तुत करें, न कि इसलिए कि उसने आपको इन वस्तुओं को रखते हुए देखा।
जब आप समय-समय पर मूल्यांकन करते हैं, तो अपने आप से इन प्रश्नों को पूछिए :
1. क्या आपका बच्चा तेज आवाज के प्रति प्रतिक्रिया व्यक्त करने में असमर्थ है ? | (हां /नहीं) |
2. क्या आपका बच्चा सूक्ष्म आवाजों के प्रति प्रतिक्रिया व्यक्त करने में असमर्थ हैं? | (हां /नहीं) |
3. क्या आपका बच्चा एक ही दिशा से आनेवाली आवाज के प्रति प्रत्युत्तर दे पाता हैं जैसे कि बाएँ या दाएँ से आनेवाली आवाज? | (हां /नहीं) |
4. क्या आपके बच्चे ने छह या आठ महीने के बाद ‘बबलिंग’ बन्द कर दिया? | (हां /नहीं) |
5. क्या आपका बच्चा उन खिलौनों में रुचि नहीं दिखाता जो कि आवाज पैदा करते हैं जैसे कि घंटी, रेटल इत्यादि। | (हां /नहीं) |
6. क्या आपका डेढ साल का बच्चा अर्थपूर्ण शब्दों, जैसे कि मम्मी, डैडी, बाय-बाय इत्यादि का प्रयोग करने में असफल रहा हैं। | (हां /नहीं) |
7. क्या आप महसूस करते हैं कि आपका बच्चा साधारण आदेशों को समझ नहीं पाता जैसे कि बाय-बाय जब तक कि आप बोलने के साथ-साथ हावभाव भी नहीं दिखाते? | (हां /नहीं) |
8. क्या आपका बच्चा सुनते समय आपके चेहरे की ओर देखने पर जोर देता हैं ? | (हां /नहीं) |
9. जब आप पाँच फीट यह दस फीट की दूरी से बुलाते हैं, तब क्या आपका बच्चा संवेदना दिखाने में असमर्थ हैं? | (हां /नहीं) |
श्रवण-क्षमता मूल्यांकन |
अगर उपरोक्त किसी भी प्रश्न का उत्तर घ्हाँङ में हैं, तो आपके बच्चे को तुरंत व्यवसायिक मदद की जरूरत हैं।
श्रवणदोष की तुरंत पहचान होना क्यों जरूरी हैं?
जैसा कि पहले कहा गया हैं, श्रवणविकलांगता बच्चे की बोली एवं भाषा को ही दुष्प्रभावित नहीं करती, बल्कि उसके सामाजिक, शैक्षिक एवं व्यक्तित्व विकास पर भी असर डालती हैं।
अगर श्रवण विकलांगता की पहचान जल्द हो जाए तो इन दुष्प्रभावों को जल्द ही कम किया जा सकता हैं, जो कि श्रवण विकलांगता की वजह से होते हैं।