बाल्यावस्था में कर्ण बधिरता का परिवारिक इतिहास -पारिवारिक सदस्यों में बहरापन ।
निकट संबंधियों में विवाह – निकट-संबंधियों में वैवाहिक रिश्तो का होना जैसे कि चाचा-भतीजी, इत्यादि।
खून की बीमारियाँ या RH (आर एच) अपरिपूर्णता।
गर्भावस्था के दौरान संक्रामक बीमारियाँ या बीमारियाँ (जैसे कि सिफिलस, जर्मन मीजल्स या रूबेला बुखार के साथ मम्पस)
गर्भवती मां की खराब शारीरिक अवस्था।
गर्भवती द्वारा अत्यधिक सिगरेट या शराब का सेवन
ओटोटाक्सिक दवाइयों का सेवन (वे दवाइयाँ जो श्रवण-संस्थान को नुकसान पहुँचा सकती हैं, अगर अत्याधिक मात्रा में सेवन किया जाए जैसे कि जेन्टामारसिन, अमीकासिन, क्विनेन, प्रिपरेशन इत्यादि)
एक्स-रे का अत्यधिक प्रभाव
जन्म के दौरान
जन्म ते समय दमघुटी /श्र्वासावरोध (Asphyxia) (जन्म के समय ऑक्सीजन की कमी के कारण शिशु का साँस लेने में कठिनाई महसूस करना जिससे कि शिशु नीला पड जाता हैं।)
जन्म के समय बच्चे का देर से रोना एवं कम रोना
जन्म के समय वजन 1200 ग्राम से कम होना
जन्म के बाद
परिपक्वता से पहले
कान, नाक, चेहरे एवं गले में विकृति का होना
जन्म के तुरत बाद पीलिया, तेज बुखार या मिर्गी का होन